Judges 12
एफ्रईम और गिलआद
1) एफ्ऱईमवंशी इकट्ठे हुए और उन्होंने साफ़ोन जा कर यिफ़्तह से यह कहा, “तुम अम्मोनियों के विरुद्ध लड़ने क्यों गये और हमें अपने साथ चलने को क्यों नहीं बुलाया? हम तुम्हारे साथ तुम्हारा घर जला डालेंगे।”
2) यिफ़्तह ने उन्हें उत्तर दिया, “मेरे और मेरे लोगों का अम्मोनियों से बड़ा संघर्ष चल रहा था। जब मैंने तुम्हें बुलाया था, तब तुम मुझे उनके हाथों से बचाने नहीं आये।
3) यह देख कर कि तुम लोग मेरी सहायता नहीं करोगे, मैं प्राण हथेली पर लिये स्वयं अम्मोनियों पर चढ़ाई करने आगे बढ़ा। प्रभु ने उन्हें मेरे हाथ दे दिया। अब तुम मुझ से क्यों झगड़ते हो?”
4) यिफ़्तह ने गिलआद के सब लोगों को एकत्रित कर एफ्ऱईमवंशियों से युद्ध किया। गिलआदियों ने एफ्ऱईम वंशियों को पराजित किया; क्योंकि उन्होंने कहा था, “गिलआदियो! एफ्ऱईम और मनस्से क बीच रहने वालो! तुम एफ्ऱईम के भगोड़े हो”।
5) गिलआदियों ने एफ्ऱईम देश जाने वाले यर्दन के घाटों को अपने अधिकार में कर लिया। जब एफ्ऱईम का कोई भगोड़ा आ कर निवेदन कर करता कि मुझे पार जाने दो, तब गिलआदी उस से पूछते, “कहीं तुम एफ्ऱईम तो नहीं हो?” यदि वह उत्तर देता, “नहीं”,
6) तो वे उस से कहते, “तो बोलो-षिब्बोलेत।” तब यदि वह शुद्ध उच्चारण नहीं कर सकता और ‘सिब्बोलेत’ बोलता, तो वे उसे पकड़ कर वहीं यर्दन के घाटों पर मार देते। इस प्रकार उस समय बयालीस हज़ार एफ्ऱईमियों का वध किया गया।
यिफ्तह का देहान्त
7) यिफ़्तह ने छह वर्ष इस्राएल में न्यायकर्ता का कार्य किया। गिलआदी यिफ़्तह की मृत्यु हो जाने पर वह गिलआद के अपने नगर में दफ़नाया गया।
इबसान
8) उसके बाद बेथलेहेमवासी इबसान ने इस्राएल में न्यायकर्ता का कार्य किया।
9) उसके तीस पुत्र और तीस पुत्रियाँ थीं। उसने अपनी तीस पुत्रियों का विवाह दूसरे गोत्रों में किया और अपने पुत्रों के लिए भी वह दूसरे गोत्रों की तीस बहुएँ ले आया। उसने सात वर्ष तक इस्राएल में न्यायकर्ता का कार्य किया।
10) इबसान की मृत्यु हो जाने पर वह बेथलेहेम में दफ़नाया गया।
एलोन
11) उसके बाद ज़बुलोनी एलोन ने इस्राएल में न्यायकर्ता का कार्य किया। उसने दस वर्ष तक इस्राएल में न्यायकर्ता का कार्य किया।
12) ज़बुलोनी एलोन की मृत्यु हो जाने पर वह ज़बुलोन प्रान्त के अय्यालोन में दफ़नाया गया।
अबदोन
13) उसके बाद पिरआतोनवासी हिल्लेल के पुत्र अबदोन ने इस्राएल में न्यायकर्ता का कार्य किया।
14) उसके चालीस पुत्र और तीस पौत्र थे, जो सत्तर गधों पर सवार हुआ करते थे। उसने आठ वर्ष तक इस्राएल में न्यायकर्ता का कार्य किया।
15) पिरआतोनवासी हिल्लेल के पुत्र अबदोन की मृत्यु हो जाने पर वह एफ्ऱईम प्रान्त के पिरआतोन में अमालेकियों की पहाड़ी प्रदेश में, दफ़नाया गया।
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